Thursday, March 29, 2012

मातु अर्चना (दोहा)


म्माननीय स्नेही मित्र वृन्द को सादर अभिवादन. मित्रों चैत्र नवरात्र की पावन तिथियाँ चल रही हैं... इस अवसर पर जगतजननी को "छन्दान्जली" (दोहान्जली) अर्पित करते "सर्वे भवन्तु सुखिना" की कामना रखते हुए आप सभी सुधि जनों को नवरात्र और नव संवत की हार्दिक बधाईयाँ और शुभकामनायें प्रेषित करता हूँ...


मातु आगमन आपका, धन्य हो गया भाग।
तन पावन मंदिर बना, निर्मल हृदय प्रयाग।1।

रूप अलौकिक उर सजा, जगमग जोति दीप।
भक्ति में खो जाएँ ज्यों, सागर मोती सीप।2। 

जग मे समरसता बढ़े, प्रेम प्रसारण नित्य
लोभ राहु ना ग्रस सके, समता का आदित्य।3।

निर्भय निश्चय कर चलें, जीवन के दिन चार।
सत का पथ छूटे नहीं, पाये नित विस्तार।4।

नव संवत, नव दीप बन, हर ले हर अज्ञान  
नौ रूपों की रात नौ, पवरित तन मन प्राण।5।

अँधियारा उज्जर बने, महके मोहक रंग।  
आप रहें सँग हर घड़ी, हर याचक के संग।6।

रखो कृपा की छांव में, इतनी दो आशीष।
पल पल चरणों में रहे, दंभहीन नत शीश।7।

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चैत नवरात्र और नवसंवत की सादर बधाईयाँ
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32 comments:

  1. नव संवत, नव दीप बन, हर ले हर अज्ञान।
    नौ रूपों की रात नौ, पवरित तन मन प्राण।5।
    मां के चरणॊं में शत-शत नमन!

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  2. निर्भय निश्चय कर चलें, जीवन के दिन चार।
    सत का पथ छूटे नहीं, पाये नित विस्तार।4।

    इससे मिलेगी अपार अशांति ......बस यही जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है !
    आपको भी नव सम्वत की ढेर सारी शुभकामनाएं

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  3. सुंदर स्तुति..... माँ को नमन

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  4. नव संवत, नव दीप बन, हर ले हर अज्ञान।
    नौ रूपों की रात नौ, पवरित तन मन प्राण।5।......बहुत सुन्दर..आपको भी नव सम्वत की ढेर सारी शुभकामनाएं

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  5. है माता की कृपा सदा,संतति ही अनजान ।
    निर्मल हृदय,मात का सुमिरन,जीवन हो वरदान।।

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  6. लाज़वाब छ्न्दोदय ,फैला उजल प्रभात

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  7. उम्दा दोहे...जय माता दी!!

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  8. रूप अलौकिक उर सजा, जगमग जोति दीप।
    भक्ति में खो जाएँ ज्यों, सागर मोती सीप।2।

    जग मे समरसता बढ़े, प्रेम प्रसारण नित्य।
    लोभ राहु ना ग्रस सके, समता का आदित्य।3।

    मन में भक्तिभाव उत्पन्न करने वाली सुंदर रचना।

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  9. रखो कृपा की छांव में, इतनी दो आशीष।
    पल पल चरणों में रहे, दंभहीन नत शीश।

    माँ के चरणों में मेरा भी नमन और आपको भी चैत नवरात्र और नवसंवत की सादर बधाईयाँ.

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  10. माँ के चरणों में अर्पित शब्द ... बहुत खूब ...
    आपको नवरात्रि और श्री रामनवमी की मंगल कामनाएं ...

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  11. माँ के चरणों में मेरा भी नमन...आपको नवरात्रि और श्री रामनवमी की मंगल कामनाएं

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  12. अँधियारा उज्जर बने, महके मोहक रंग।
    आप रहें सँग हर घड़ी, हर याचक के संग।6।
    प्रात :स्मरणीय प्रार्थना ,वंदना सा बन पडा है यह अर्चन गीत .सुन्दरम मनोहरम .आपकी द्रुत टिपण्णी के लिए आभार .अभिव्यक्ति विकृत न होने पाए वरना हम ही कहलायेंगे मानसिक रोगी .

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  13. माँ के चरणों में अर्पित दोहान्जली...आस्था और विश्वास से ओतप्रोत सुन्दर रचना ! हार्दिक शुभकामनायें! एवं साधुवाद !

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  14. अच्छी रचना, बहुत शुभकामनाएँ.

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  15. बहुत सुन्दर भक्तिमय दोहे...जय माता दी

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  16. संजय जी नवरात्रि के पावन अवसर पर बड़े ही पावन दोहे रच कर वातावरण को पवित्र कर दिया है.

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  17. aah bahut sundar bhaavmay dohe.

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  18. मातु आगमन आपका, धन्य हो गया भाग।
    तन पावन मंदिर बना, निर्मल हृदय प्रयाग।1।

    अद्भुत ....!!
    हबीब जी इक -इक दोहा मातु प्रेम में रंगा हुआ

    पल पल चरणों में रहे, दंभहीन नत शीश

    नमन आपको ....!!

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  19. सभी दोहे बहुत अच्छे लगे...
    हम तो दोहे -छंद की मात्राओं में उलझ जाते हैं .. लिख नहीं सकते जो भी अभिव्यक्ति के इस माध्यम को जीवित रखे हैं उन्हें सादर नमन.

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  20. बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति, बधाई.

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  21. अँधियारा उज्जर बने, महके मोहक रंग।
    आप रहें सँग हर घड़ी, हर याचक के संग।
    वाह!!!!!!बहुत सुंदर सार्थक दोहे ,अच्छी प्रस्तुति....
    देर से आने के क्षमा,

    MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: यदि मै तुमसे कहूँ.....

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  22. अच्छी प्रस्तुति के लिये बहुत बहुत बधाई....

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  23. JAI MATA DI

    BAHUT HI SUNDAR BHAKTI BHAWNA SE YUKT HRIDAY SPARSHI DOHE

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  24. निर्भय निश्चय कर चलें, जीवन के दिन चार।
    सत का पथ छूटे नहीं, पाये नित विस्तार।4।

    सुंदर अभिनन्दन ...सुंदर अर्चना ....

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  25. बहुत सुंदर दोहे ... मातु अर्चना करते हुये

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  26. बहुत सुन्दर पवित्र - पावन दोहे... सादर नमन आपको, आपकी कलम को और चैत नवरात्र और नवसंवत की बधाईयाँ.

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  27. बहुत उम्दा अभिव्यक्ति,,,सुंदर अर्चना ..

    MY RECENT POST...:चाय....

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  28. पता नहीं, इतने पहले लिखी कविता इतनी देर से फीड में कैसे आयी..

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मेरी हौसला-अफजाई करने का बहुत शुक्रिया.... आपकी बेशकीमती रायें मुझे मेरी कमजोरियों से वाकिफ करा, मुझे उनसे दूर ले जाने का जरिया बने, इन्हीं तमन्नाओं के साथ..... आपका हबीब.

"अपनी भाषा, हिंदी भाषा" (हिंदी में लिखें)

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