Saturday, April 14, 2012

हा! आफरीन...

कैसे कैसे दुष्कृत्य कर जाते हैं हम.... सुबहा होने लगता है कि हम इंसान हैं.... आफरीन को जानकार कुछ दिन पूर्व मेरी पोस्ट बेटियाँ की क्षणिकाएं कमल की पंखुरियों में थिरकती ओस की बूँद और रजनीगंधा के फूल के रूप में आफरीन बनकर आँखों के सामने आ फिर से आ गईं... बिलखती हुईं... जाने शक्ति पूजक यह देश शक्ति की सच्ची आराधना कब करेगा... 



क्या तुझको समझायेँ बिटिया?
सूरत क्या दिखलायेँ बिटिया? 

देवों की हम संताने, सच !
दुनिया को भरमायेँ बिटिया।

धरती को माता हम बोलें,
रुदन नहीं सुन पायेँ बिटिया   

तेरे आने की खबरें सुन,
माँ को ही धमकायेँ बिटिया।

अपनी लालच की ज्वाला में,
तुझको भी सुलगायेँ बिटिया

बिन तेरे दुनिया क्या होगी ?
इतना समझ न पायेँ बिटिया।   

भोली भाली मुसकानों को,
डस कर ना पछतायेँ बिटिया। 

दूर सुहाना ढोलक फूटे,
जब बेटे धकियायेँ बिटिया।

प्रभु करें इक दिन आए, सब,
बिटिया बिटिया गायें बिटिया।

*****************************
खुशियों के दीपक बुझा जा रहे है।
कहाँ जा रहे हम, कहाँ जा रहे है ?
***************************** 

39 comments:

  1. दर्द से भरी बहुत गहन ...मार्मिक अभिव्यक्ती ....पिछले कुछ दिनों से यही भाव मन में घूम रहे हैं ....कुछ लोग भी अगर अपने विचार बदलें तो कुछ तो परिवर्तन हो .....!!सबको सन्मति दें भगवान ......!!

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  2. अपनी लालच की ज्वाला में,
    तुझको भी सुलगायेँ बिटिया।

    बहुत सुंदर रचना के भाव ...संजय जी बेहतरीन संग्रहणीय लाजबाब प्रस्तुति
    .
    MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: आँसुओं की कीमत,....

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  3. लोगों को समझ में आनी होगी बिटियों की अहमियत..

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  4. पर हम समझने को तैयार ही नहीं इन सबको , बहुत अच्छी रचना, बधाई

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  5. bahut khub bhaw hai...dil ko chhu gai ye kawita..
    jinse hai srishti... wo sada muskuraye betiyan...... kyo dar dar ki thokre khayen betiya .. dua hai hmari sada hi muskurayen betiya, badhai ho sanjay ji..

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  6. मर्मस्पर्शी रचना।
    क्या होगा इस दुनिया का ?

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  7. जितनी जल्दी हो सके, लो गलतियाँ सुधार ।

    बिटिया बिन इस जगत में, छा जाए अंधियार ।।

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  8. झकझोर देने वाली रचना ... बेटियों का महत्त्व वही जान सकते हैं जो बेटी वाले हैं

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  9. बहुत सुन्दर वाह!
    आपकी यह ख़ूबसूरत प्रविष्टि कल दिनांक 16-04-2012 को सोमवारीय चर्चामंच-851 पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ

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  10. बहुत मार्मिक और भावुक ....
    शुभकामनाएँ!

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  11. खुशियों के दीपक बुझा जा रहे है।
    कहाँ जा रहे हम, कहाँ जा रहे है ?

    ओस की बूंदों सी होती हैं बेटियां
    दो दो कुलों की लाज को ढोती हैं बेटियां

    मार्मिक और भावुक रचना ....

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  12. प्रभु करें इक दिन आए, सब,
    बिटिया बिटिया गायें बिटिया


    प्रियवर संजय जी
    नमस्कार!

    आपकी संवेदनशीलता स्तुत्य है …
    अच्छी रचना के लिए धन्यवाद !

    शुभकामनाओं-मंगलकामनाओं सहित…
    -राजेन्द्र स्वर्णकार

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  13. वाह.............वाह..................

    बहुत सुंदर और भावभीनी रचना.....
    सादर.

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  14. बहुत ही भावपूर्ण और मर्मस्पशी रचना...

    सादर

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  15. एक ज्वलंत समस्या पर बेहतरीन अभिव्यक्ति। आंख में आंसू आ गए।
    आपके आह्वान में हम भी जुट गए हैं --
    प्रभु करें इक दिन आए, सब,
    बिटिया बिटिया गायें बिटिया।

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  16. बहुत सुंदर.... बेटियों माँ के जीवन का मान करना न जाने कब सीखेंगें हम....

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  17. खुशियों के दीपक बुझा जा रहे है।
    कहाँ जा रहे हम, कहाँ जा रहे है ?
    bilkul sach kahan aapne

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  18. अपनी लालच की ज्वाला में,
    तुझको भी सुलगायेँ बिटिया।

    बहुत सुंदर रचना , भाव
    .

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  19. बहुत मार्मिक रचना...

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  20. sundar aur behatrin post.

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  21. सृष्टि की जननी के प्रति आपके यह उदगार प्रशंसनीय है!!

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  22. This comment has been removed by the author.

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  23. ब्लॉग वार्ता के माध्यम से माताजी के निधन का दुखद समाचार मिला..........
    हमारे श्रद्धा सुमन..
    आपके लिए धैर्य और शक्ति की कामना.

    सादर.
    अनु

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  24. ब्लॉग वार्ता के माध्यम से माताजी के निधन का दुखद समाचार मिला..……ईश्वर आपको ये दुख सहने की शक्ति दे और दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे।

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  25. ब्लॉग वार्ता के माध्यम से माताजी के निधन का दुखद समाचार मिला.श्रद्धा सुमन..
    मन की गहरे में जाकर बस्ता है ममता का रिश्ता ,
    यह कोई भूलने या याद करने का नहीं है पूजा का रिश्ता

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  26. अपनी तू ही बढाले ताकत
    सब तुझको पहचाने बिटिया ।

    सामयिक, सटीक, सुंदर गज़ल ।

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  27. आपकी माताजी को विनम्र श्रध्दांजली ।

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  28. सुंदर गज़ल
    माताजी को विनम्र श्रध्दांजली

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  29. प्रभु करें इक दिन आए, सब,
    बिटिया बिटिया गायें बिटिया।..........काश !!

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  30. बिन तेरे दुनिया क्या होगी ?
    इतना समझ न पायेँ बिटिया।

    ....बहुत मार्मिक प्रस्तुति...काश लोग समझ पाते कि बेटी के बिना वे भगवान की कितनी बड़ी नेमत से महरूम है......

    ब्लॉग वार्ता के माध्यम से आपकी माता जी के निधन का दुखद समाचार मिला...माता जी को विनम्र श्रद्धांजलि..

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  31. waah sabhi sher ek se badhkar ek ,........hardik badhai

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  32. तेरे आने की खबरें सुन,
    माँ को ही धमकायेँ बिटिया।

    अपनी लालच की ज्वाला में,
    तुझको भी सुलगायेँ बिटिया।

    बहुत कड़वा सच. सुंदर प्रस्तुति.

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  33. गहन भाव लिए उत्‍कृष्‍ट अभिव्‍यक्ति ।

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  34. बहुत देर नहीं है जब ऐसा कहेंगे...

    ''बिन तेरे दुनिया क्या होगी ?
    इतना समझ न पायेँ बिटिया।

    जब तक सबको समझ आये तब तक शायद बहुत देर हो चुकी होगी. बहुत ही अर्थपूर्ण रचना. सभी शेर उत्तम. बधाई.

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  35. भावपूर्ण मार्मिक प्रस्तुति

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  36. भावविभोर करती मार्मिक रचना....
    उत्कृष्ट प्रस्तुति...

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मेरी हौसला-अफजाई करने का बहुत शुक्रिया.... आपकी बेशकीमती रायें मुझे मेरी कमजोरियों से वाकिफ करा, मुझे उनसे दूर ले जाने का जरिया बने, इन्हीं तमन्नाओं के साथ..... आपका हबीब.

"अपनी भाषा, हिंदी भाषा" (हिंदी में लिखें)

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