ख्वाब देखा जो पल में बिखर जाएगा।
छोड़ कर अपना घर तू किधर जाएगा।1।
बोल कर मीठी बोली बुला उसको तू,
साया बन राहों में वो उतर जाएगा।2।
इम्तहां रोजो शब जिंदगी लेती है,
आग में बन तू कुन्दन संवर जाएगा।3।
बात दिल में जो है दिल में ही रहने दे,
वक्त खुद सारी उलझन कुतर जाएगा।4।
दो घड़ी होती रौशन शमा तारीकी,
सुब्ह होते अन्धेरा गुजर जाएगा।5।
अक्स आईने में जो कभी देखा तो,
आदमी अपनी सूरत से डर जाएगा।6।
मुद्दते गुजरीं खो कर 'हबीब' आफियत,
ले के खुशियाँ तू कब अपने दर जाएगा।7।
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शब्दार्थ : रोजो शब = दिन रात | शामअ तारीकी = अंधेरों का चराग | आफियत = सुकून
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शब्दार्थ नहीं दे पाने की भूल हेतु सम्माननीय मित्रवृन्द से क्षमायाचना सहित...
सादर.
vakt har jakhm ko bhar deta hae yah shi hae par tees baki hi rahti hae.aabhr sarthak post hetu.
ReplyDeleteबात दिल में जो है दिल में ही रहने दे,
ReplyDeleteवक्त खुद सारी उलझन कुतर जाएगा।4।
...बहुत खूब! बहुत सुंदर गज़ल...
बोल कर मीठी बोली बुला उसको तू,
ReplyDeleteसाया बन राहों में वो उतर जाएगा
बहुत खूब..
बात दिल में जो है दिल में ही रहने दे,
ReplyDeleteवक्त खुद सारी उलझन कुतर जाएगा।4। waah
इम्तहां रोजो शब जिंदगी लेती है,
ReplyDeleteआग में बन तू कुन्दन संवर जाएगा।3।
वाह... हर एक शेर लाजवाब है... बहुत सुन्दर ग़ज़ल... आभार
बात दिल में जो है दिल में ही रहने दे,
ReplyDeleteवक्त खुद सारी उलझन कुतर जाएगा ...
वाह .. क्या शेर कहा है ... लाजवाब ... समय सब कुछ हल कर देता है ...
अक्स आईने में जो कभी देखा तो,
ReplyDeleteआदमी अपनी सूरत से डर जाएगा।.....
हबीब साहब, शानदार गजल।
वक़्त ही उलझनों को कुतर देता है पर हम ये ही भूल जाते हैं..बेहद खुबसूरत..
ReplyDeleteअक्स आईने में जो कभी देखा तो,
ReplyDeleteआदमी अपनी सूरत से डर जाएगा।6।
बात दिल में जो है दिल में ही रहने दे,
वक्त खुद सारी उलझन कुतर जाएगा।4।
एक से बढ़के एक अशआर हबीब साहब सभी अपना अलग असर अलग तासीर लिए हुए .बढ़िया गज़ल .
जिन्दगी के मायने समझाते खूबसूरत अलफ़ाज़ ...
ReplyDeleteमुबारक कबूल करें!
बहुत ही बढ़िया और अर्थपूर्ण गजल है.....
ReplyDeleteबात दिल में जो है वो रहे दिल में ही ।
ReplyDeleteपर भाई कभी कभी कहना भी पड़ता है ।
सार्थक ।
गुनगुनाने में मजा आ गया
ख्वाब देखा जो पल में बिखर जाएगा।
ReplyDeleteछोड़ कर अपना घर तू किधर जाएगा।1।
jalan si hoti aapake shabdon ke chunaw
ko dekhakar dil ko chune wali likhate hain.
एक एक शेर बहुत गहरी बात कह रहा है ...!!
ReplyDeleteगहन मन के भाव ...बहुत सुंदर शायरी ...!!
एक बेहतरीन गज़ल जिसमें सभी शे’र लजवाब हैं।
ReplyDeleteमुझे इस शे’र ने काफ़ी प्रेरित किया। मैं ऐसा ही करता हूं --
बात दिल में जो है दिल में ही रहने दे,
वक्त खुद सारी उलझन कुतर जाएगा।
बोल कर मीठी बोली बुला उसको तू,
ReplyDeleteसाया बन राहों में वो उतर जाएगा।2।
Wah ...Khoob likha hai....
इम्तहां रोजो शब जिंदगी लेती है,
Deleteआग में बन तू कुन्दन संवर जाएगा।3।
इस शेर में 'रोजो शब ' का तथा दो घड़ी होती रौशन शमा तारीकी,
सुब्ह होते अन्धेरा गुजर जाएगा।5।
में ज़नाब 'तारीकी ' का अर्थ भी बतलाइयेगा .
फादर साहब थे ,उनसे पूछ लेते थे .
बहुत बढ़िया,बेहतरीन करारी अच्छी प्रस्तुति,..
ReplyDeleteनवरात्र के ४दिन की आपको बहुत बहुत सुभकामनाये माँ आपके सपनो को साकार करे
आप ने अपना कीमती वकत निकल के मेरे ब्लॉग पे आये इस के लिए तहे दिल से मैं आपका शुकर गुजर हु आपका बहुत बहुत धन्यवाद्
मेरी एक नई मेरा बचपन
कुछ अनकही बाते ? , व्यंग्य: मेरा बचपन:
http://vangaydinesh.blogspot.in/2012/03/blog-post_23.html
दिनेश पारीक
पूरी गज़ल ही लाजवाब है.
ReplyDeleteबात दिल में जो है दिल में ही रहने दे,
वक्त खुद सारी उलझन कुतर जाएगा।4।
इस शेर पर खास दाद कबूल फरमायें.
अक्स आईने में जो कभी देखा तो,
ReplyDeleteआदमी अपनी सूरत से डर जाएगा।6।..वाह: बहुत खूब लिखा है...बहुत सुन्दर...
अनुभव की बातें हैं।
ReplyDeleteपुन:
ReplyDeleteअक्स आईने में जो कभी देखा तो,
आदमी अपनी सूरत से डर जाएगा.
खींच लूँ चित्र मैं, कैमरे से तेरा
क्या भरोसा तेरा, कल मुकर जायेगा
बोल कर मीठी बोली बुला उसको तू,
ReplyDeleteसाया बन राहों में वो उतर जाएगा।2।...बहुत सुन्दर
बात दिल में जो है दिल में ही रहने दे,
ReplyDeleteवक्त खुद सारी उलझन कुतर जाएगा।
वाह !!! बहुत खूब लिखा है आपने बहुत सुंदर भाव अभिव्यक्ति ....
बहुत खूब..
ReplyDeleteसुन्दर शब्द सटीक अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteबात दिल में जो है दिल में ही रहने दे,
वक्त खुद सारी उलझन कुतर जाएगा।4।
बहुत सुंदर गज़ल
ReplyDelete" aaj ka agra "
बात दिल में जो है दिल में ही रहने दे,
ReplyDeleteवक्त खुद सारी उलझन कुतर जाएगा ...
पूरी ग़जल लाजवाब...
सादर
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति । धन्यवाद ।
ReplyDelete"बात दिल में जो है वो रहे दिल में ही" सहने की शक्ति हो तो, वरना कह देना ठीक है। दिक्कत तो हम जैसों को होती है कि न सहने की शक्ति है और न कहने की।
ReplyDeleteगज़ल पसंद आई जनाब। आभार स्वीकार करें।
बढ़िया ग़ज़ल... हर शेर जानदार
ReplyDeleteबात दिल में जो है दिल में ही रहने दे,
ReplyDeleteवक्त खुद सारी उलझन कुतर जाएगा।
...बेहतरीन शेर।
विश्वास और सन्देश, बहुत अर्थपूर्ण शेर...
ReplyDeleteबोल कर मीठी बोली बुला उसको तू,
साया बन राहों में वो उतर जाएगा।2।
मीठे बोल से हर कोई अपना बन जाता है. सभी शेर मुकम्मल, दाद स्वीकारें.
bahut hi saarthk aur sundar rachna!
ReplyDeletewaah! bahut hi umda !
ReplyDeleteअक्स आईने में जो कभी देखा तो,
ReplyDeleteआदमी अपनी सूरत से डर जाएगा
बेहतरीन !
बोल कर मीठी बोली बुला उसको तू,
ReplyDeleteसाया बन राहों में वो उतर जाएगा।2।
बहुत खूबसूरत ।
अक्स आईने में जो कभी देखा तो,
ReplyDeleteआदमी अपनी सूरत से डर जाएगा
बहुत सुन्दर
बहुत ही सुंदर गजल बनी है, मुझ जैसे बेसुरे ने भी गाकर देखा। मजा आ गया
ReplyDeleteबोल कर मीठी बोली बुला उसको तू,
ReplyDeleteसाया बन राहों में वो उतर जाएगा।2।
ek bar nahin bar bar gungunane ko ji karata hai.
बहुत ही खूबसूरत गज़ल। ये शेर बहुत भाया -
ReplyDelete"बात दिल में जो है दिल में ही रहने दे,
वक्त खुद सारी उलझन कुतर जाएगा।4।"
वाह !
बोल कर मीठी बोली बुला उसको तू,
ReplyDeleteसाया बन राहों में वो उतर जाएगा।2।
waah1 bahut hi achha likha hai
shubhkamnayen