समस्त उजाले समेट कर
सूरज सरक गया
क्षितिज के पार...
शेष है
सूर्योदय का अंतहीन इन्तजार....
*
सूखती नदियों
और तुम्हारी किस्मत में
फर्क ही कहाँ है...?
रे आंसुओं !
सागर से होड़ लेना
तुम्हारे बस में कहाँ...
*
सितारों में
इतनी रोशनी कहाँ
कि तलाश सकें वे
खुद की राहें.....
मेरे ईश्वर !
जाने किस गलतफहमी में
तूने चाँद बुझा दिया....
*
काश! १६ अप्रेल की वह दहकती शाम न आई होती... आफिस से लौट कर कुछ जरुरी पेंडिंग रिपोर्ट तैयार कर रहा था कि सविता (श्रीमती) ने आकर बताया माँ को अच्छा नहीं लग रहा... "उन्हें बीपी की दवा दी थी कि नहीं....?" सुनिश्चित करता माँ के पास पहुंचा... उन्हें बेचैनी हो रही थी... "माँ बस ५ मिनट में हम हास्पिटल पहुँच रहे हैं" घर से मेडिकल कालेज हास्पिटल की दूरी सिर्फ ५ मिनट की है... लेकिन इन ५ मिनटों ने मुखर से मौन तक की यात्रा के समस्त पडाव तय कर दिए... सचमुच! इंसान विधि के सम्मुख कितना असहाय है.... कलीग्स के हाथों को कंधे पर महसूस कर देखा भाई, भाभी और श्रीमती "ट्राली" के पास सजल नयन आवाक खड़े थे... शाम बिलखती हुई माँ के पार्थिव शरीर से लिपटी रो रही थी... सूरज डूब गया था... फिर कभी उदित न होने के लिए....
माँ पञ्च तत्वों में समाहित हो कर सर्वव्यापी हो गईं... वे दिखाई नहीं देतीं... पर साँसों के साथ आती जाती हैं... धड़कनों में सुनाई देती हैं.... ईश्वर से यही प्रार्थना है कि वे मेरी अंतिम सांस तक धडकनों में यूँ ही सुनाई देती रहे... राह सुझाती रहें... ||ॐ||
इस विकट समय में आप सभी सम्मानीय ब्लॉगर और फेसबुक मित्रों की सहृदय संवेदनाओं ने परिवार को बड़ा संबल प्रदान किया... आप सभी स्नेही स्वजनों को सादर नमन करते अलौकिक माँ के श्री चरणों में हृदयान्जली समर्पित है...
माँ! छाँव ममता की रहे अक्षुण सदा, है कामना |
सूरज चमकता ही रहे, यादों की आये शाम ना ||
यूँ तो चला उन राहों में, तुमने दिखाए जो सदा,
फिर भी अगर पग डगमगाए, दे सहारा थामना ||
*******************||ॐ||*********************
संजय जी ....आपके ह्रदय की पीड़ा मैं समझ सकती हूँ ...!!किन्तु यही विधि का विधान है ....अपने ही हाथों से अग्नि भी देनी पडती है ....!असहाय से हम सिर्फ सांस लेते रहते हैं ....न दिमाग चलता है न शरीर .....किन्तु ऐसे पल में ही, वो ऊपर वाला ही शक्ति देता है इस अपर दुःख को सहने की .....!माँ कहीं गई नहीं हैं .....बस आप उन्हें देख नहीं सकते ..वो आपके पास ही हैं ....!!
ReplyDeleteमाँ को मेरी अश्रुपूरित श्रद्धांजलि ....!!माँ को नमन ...!
संजयजी बहुत ही दुःख की घडी होती है जब माँ इस दुनिया से विदा होती है, हमने भी झेला है इस पल को. लेकिन जैसा आपने लिखा है न, वो हमेशा हमारी हर सांस में जीती है, हर धड़कन में सुनाई देती है, हम उन्हें महसूस कर सकते हैं. ईश्वर आपको एवं पूरे परिवार को इस दुःख को सहने की शक्ति दे. माँ को श्रद्धांजलि और नमन...
ReplyDeleteसूरज सरक गया क्षितिज के पार..या ह्रदय में बस गया..हाँ ! ह्रदय में ही बस गया..
ReplyDeleteमाँ को श्रद्धांजलि .
आदरणीय संजय जी
ReplyDeleteईश्वर आपको शक्ति दे.............
जानती हूँ ,माँ के बिना हम शक्तिहीन हैं....
और माँ की कमी को दुनिया में कोई पूरा नहीं कर सकता.....
हमें अपने दुःख में शामिल समझिए..
माँ को हमारे श्रद्धा सुमन.
सादर.
संजय जी ,
ReplyDeleteमाँ को विनम्र श्रद्धांजलि ..... यह पीड़ा ऐसी है जिसे सहना ही पड़ता है ...आँख से ओझल होने पर भी मन में हमेशा वास रहता है माँ का ...
इस दुखद समय को सहने का साहस मिले , माँ को विनम्र श्रद्धांजलि ..
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजली...............ईश्वर से प्रार्थना है पूरे परिवार को दुःख सहने की शक्ती दे ..
ReplyDeleteमाँ तुझे सलाम ...
ReplyDeleteईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दे और अओको इस दुःख को वहां करने की क्षमता ।
ReplyDeleteमाता जी को विनम्र श्रद्धांजलि…… लगता है सिर से आसमान सरक गया।
ReplyDeleteदुःख की इस घड़ी में ईश्वर आप सभी को बल दे...माँ को नमन !
ReplyDeleteमाता जी को विनम्र श्रद्धांजलि……ईश्वर उनकी आत्मा को शांती प्रदान करे,...
ReplyDeleteश्रद्धा पूर्वक श्रद्धांजलि....
ReplyDeleteशोभा चर्चा-मंच की, बढ़ा रहे हैं आप |
ReplyDeleteप्रस्तुति अपनी देखिये, करे संग आलाप ||
charchamanch.blogspot.com
दुखद, माँ को विनम्र श्रद्धांजलि। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।
ReplyDeleteमां को विनम्र श्रद्धांजलि। इस दुखद घड़ी में ईश्वर आपको संबल प्रदान करें।
ReplyDeleteमाता जी को विनम्र श्रद्धांजलि…
ReplyDeleteसादर विनम्र श्रद्धांजलि.
ReplyDeleteनमन ....विनम्र श्रद्धांजलि....
ReplyDeleteखबर पा कर बहुत अफ़सोस हुआ!...ईश्वर सदगत की आत्मा को असीम शांति प्रदान करें!...विनम्र श्रद्धांजलि!
ReplyDeleteमाँ को विनम्र श्रद्धांजलि संजय जी ! इतना बड़ा आघात झेलना कितना मुश्किल होगा आपके लिये समझ सकती हूँ ! अपने स्वयं के पुराने ज़ख्म आज भी हरे हो जाते हैं जब किसी संतान का अपनी माँ से विलग होने का दुखद समाचार सुनाई देता है ! आप स्वयं को सम्हालें ! माँ ने तो अपना आश्रय ईश्वर के यहाँ पा लिया है ! प्रभु उन्हें चिर शान्ति प्रदान करें यही प्रार्थना है !
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजलि..... माँ सदा आप के साथ रहेगी ...दिल में ..महफूज़ होकर!
ReplyDeleteमाँ को सादर विनम्र श्रद्धांजलि...
ReplyDeleteईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें...
ईश्वर आपको इस आघात को सहने की शक्ति प्रदान करें.
आपकी पीड़ा समझ सकता हूँ संजय जी ... अपनों कों खोने का गम बहुत बड़ा होता है .. दिल कों मजबूत करना पढता है ...
ReplyDeleteमन कों विनम्र श्रधांजलि ... ईश्वर उन्हें चरणों में स्थान दे ...
माता जी को विनम्र श्रद्धांजलि.......
ReplyDeletemaa ka sthan koi bhi nhi le skta hai .. maa maa hoti hai ..maa ke rahte hme kisi bhi pal asahaypan ka ehsas nhi hota , pr jab maa hmse hmesha ke liye bichhad jati hai to sach me ham anath ho jate hai ..hme bhi us din apni maa ki antim bidai yad aa gai thi ..sanjay bhai , ishwar aapko is asim dukh ko sahne ki shakti de ..wishad ki is ghadi me ham sab aapke sath hai ....
ReplyDeletebachho ki har galti ko jo hans kar maf kar deti hai ..
jag me sirf ek hi wo shikhsiyat hai jise duniya maa kahti hai .........
mata ji ko bhawbhini shranjali ..........
माँ को नमन. भावपूर्ण लिखा है..
ReplyDelete.
ReplyDeleteसंजय भाई
कुछ भी कहते नहीं बन रहा …
भावों की अंतःसलिला का निर्मम उफान पलकों से स्रावित हो रहा है …
गृह प्रवेश वाली आपकी पोस्ट में मां'जी के दर्शन कर चुका था …
उनकी वात्सल्यमयी सौम्य देवतुल्य छवि को उस समय भी प्रणाम किया था …
मन भारी हुआ जा रहा है भाई !
संभालना स्वयं को …
शत शत नमन हैं उनकी पावन स्मृतियों को !
इस क्षति की न तो पूर्ति हो सकती है न इस ग़म को हम बांट सकते हैं।
ReplyDeleteआशा है अब आप संभल गए होंगे। फिर से सक्रिय होने की कामना के साथ .. मनोज
पुत्र को जो संस्कार मिला,पुत्र ने उसका निर्वाह किया। जिस मां को यह देखने का सौभाग्य मिला,निश्चय ही उसका अंतिम क्षण भी सुकून भरा रहा होगा।
ReplyDeleteआह! पोस्ट पलटते-पलटते यह पढ़ना बदा था!
ReplyDeleteमाँ को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि पहुँचे। बाबा विश्वनाथ आपको इस दारुण दुःख को सहने की शक्ति दें।