गूगल से साभार |
मांग मत आराम के दो पल ।
और बन सूरज दमकता चल ।1।
आप अपनी ताकतें पहचां,
कौन फिर तुझको सकेगा छल ।2।
किस वजह बैठा झुकाये सिर,
चाँद पर भी जीत तो हासल ।3।
गीत खिल के जगमगायेंगे,
बात रब की मान रब में ढल ।4।
कौन जग में है पराया कह,
दीप बन के राह में तू जल ।5।
हौसला कर बढ़ बना ले तू,
सफलता को आँख का काजल ।6।
पाँव पर अप ने भरोसा कर,
नाप सकता तू गगन का बल ।7।
तू फ़साना गढ 'हबीब' अलग,
याद तुझको तब रखेगा कल ।8।
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बात रब की मान रब में ढल ।4।
ReplyDeleteवाह! प्रार्थना सी पावन गज़ल!
प्रेरक प्रस्तुति!
बहुत सुंदर ...अपने ऊपर हौसला हो तो उससे अच्छा कुछ नहीं...प्रेरणास्पद कविता.
ReplyDeleteपहचान.ठीक कर दीजिये ..हासल भी .
हासिल होना चाहिए न .... ?
bahut achchi prernadayak ghazal.
ReplyDeleteपाँव पर अप ने भरोसा कर,
ReplyDeleteनाप सकता तू गगन का बल
बहुत ही शानदार ,बहुत सुन्दर
पाँव पर अप ने भरोसा कर,
ReplyDeleteनाप सकता तू गगन का बल
हौसला बढाती हुई ग़ज़ल मुबारक हो
तू फ़साना गढ 'हबीब' अलग,
ReplyDeleteयाद तुझको तब रखेगा कल
वाह हबीब भाई.
बहुत खूब.
छोटी बहर.लेकिन बात बड़ी.
आप अपनी ताकतें पहचां,
ReplyDeleteकौन फिर तुझको सकेगा छल ।2।
कौन जग में है पराया कह,
दीप बन के राह में तू जल ।5।
पाँव पर अप ने भरोसा कर,
नाप सकता तू गगन का बल ।7।
पुरी गज़ल ही बेहद खूबसूरत ... प्रेरणादायक रचना बहुत अच्छी लगी
पाँव पर अप ने भरोसा कर,
ReplyDeleteनाप सकता तू गगन का बल
जब हो हौसला हो तो आसमां भी झुक कर पांवों में आ जाता है।
पाँव पर अप ने भरोसा कर,
ReplyDeleteनाप सकता तू गगन का बल ।7।
waah, her shabd hausla dete hain
हौसला कर बढ़ बना ले तू,
ReplyDeleteसफलता को आँख का काजल ।6।
पाँव पर अप ने भरोसा कर,
नाप सकता तू गगन का बल ।7।
कितनी सकारात्मक और प्रोत्साहन देती पंक्तियाँ रची है ..... बहुत सुंदर
बेहतरीन!!
ReplyDeleteहौसला कर बढ़ बना ले तू,
ReplyDeleteसफलता को आँख का काजल
पाँव पर अप ने भरोसा कर,
नाप सकता तू गगन का बल ।
बेहद ख़ूबसूरत और हौसला बढ़ाती हुई हर शब्द आपने बड़े ही शानदार रूप से लिखा है! इस उम्दा और प्रेरणादायक ग़ज़ल के लिए बधाई!
मेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
बढ़िया लिखा है.
ReplyDeleteआशा और जोश भरती ये पोस्ट बेहतरीन लगी|
ReplyDeleteहौसला कर बढ़ बना ले तू,
ReplyDeleteसफलता को आँख का काजल
behtareen sher...umda gazal
बहुत सुन्दर ..लिखा है हबीब जी... हौंसला भरती रचना ..उम्दा
ReplyDeleteकौन जग में है पराया कह,
ReplyDeleteदीप बन के राह में तू जल ।5।
बहुत सुन्दर और प्रेरक अभिव्यक्ति..
har sher aapke hunar ki daad deta hua.
ReplyDeletemubarak.
उत्साह से ओत-प्रोत सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteहौसला कर बढ़ बना ले तू,
ReplyDeleteसफलता को आँख का काजल ...
बहुत खूब संजय जी ... लाजवाब गज़ल का खूबसूरत शेर है ये ...
sundar hosla badhati gazal..
ReplyDeleteवीर भाव कई समस्याओं का समाधान तो है।
ReplyDeleteगीत खिल के जगमगायेंगे,
ReplyDeleteबात रब की मान रब में ढल
bahut khub ..har sher lajwaab laga shukriya
हौसला कर बढ़ बना ले तू,
ReplyDeleteसफलता को आँख का काजल
बहुत बढ़िया
तू फ़साना गढ 'हबीब' अलग,
ReplyDeleteयाद तुझको तब रखेगा कल ।
एक-एक पंक्ति प्रेरणादायी.............
तन सजाने से मिलेगा क्या ?
तू हमेशा मन को रख उज्जवल.
साध लेना , साधना से तू
कह गये सब ,मन बड़ा चंचल.
kya shandar prstuti hai aapke gazal k har sher me.......
ReplyDeletejivan to chalata rahata hai.isliye jivan ke sath hame bhi nirantar aage badhate jana chahiye...
ReplyDeleteacchi sikh deti rachana
sundar prastuti hai...