Saturday, May 7, 2011

"मां तुझसे दूर हम किधर जायेंगे...."

टुकड़ों में टूट कर

बिखर जायेंगे,

मां तुझसे दूर

हम अगर जायेंगे...

तेरे ही कदमों में

ज़न्नत है मां

ज़न्नत को छोड़ भला,

हम किधर जायेंगे....

*

जो करें, जिधर चलें,

तेरी ही दुआ तले,

पथरीली राहों में

फूल ही बिछे मिलें,

हर कठिन घड़ी में

तू ही शक्ति है मां,

कठिनतम राहों से भी

हंस के गुजर जायेंगे...

ज़न्नत को छोड़ भला

हम किधर जायेंगे....

*

सुलगती सी माया में

तेरी ममता ही साया है,

मरुभूमी को इसने,

गुलशन बनाया है,

तेरी ही खुशबू है

भू से अम्बर तक मां,

भू से अम्बर तक हम

तेरे ही गुण गायेंगे...

ज़न्नत को छोड़ भला

हम किधर जायेंगे...

*

********* मदर्स दे पर मातृशक्ति को सादर वंदन **********

12 comments:

  1. माँ के प्रति सच्ची भावना दर्शाती सुन्दर रचना

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  2. वाह........बेहतरीन भावाभिव्यक्ति
    ************************************
    मातृत्व दिवस की शुभकामनायें
    ************************************

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  3. चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 10 - 05 - 2011
    को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..

    http://charchamanch.blogspot.com/

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  4. मातृशक्ति को नमन!

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  5. jnnat ko chhodkar hum bhla kaha jaege ...waah !

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  6. माँ के प्रति प्यार को बखूबी लिखा है अपने ... अतिसुंदर रचना ...

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  7. bahut badiya G

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  8. माँ को समर्पित ह्रदयश्पर्सी रचना .... .

    कोटि-कोटि नमन है माँ के चरणों में.... ...

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  9. bahot bahot khubsurat rachna bro....dhanya hai wo ma jissne appko paya...!!

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  10. अपनी क्षणिकायें भेजिए हबीब जी ......

    harkirathaqeer@gmail.com

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मेरी हौसला-अफजाई करने का बहुत शुक्रिया.... आपकी बेशकीमती रायें मुझे मेरी कमजोरियों से वाकिफ करा, मुझे उनसे दूर ले जाने का जरिया बने, इन्हीं तमन्नाओं के साथ..... आपका हबीब.

"अपनी भाषा, हिंदी भाषा" (हिंदी में लिखें)

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