अमेरिका ने आक्रान्ता को दीगर मुल्क में घुस कर मार गिराया...
हम हत्यारों को क़ैद कर के भी पाल रहे हैं... क्यों??
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जश्न है अमेरिका में, लादेन सुपुर्दे आब।खौफ मचा कर हिंद में, ज़िंदा अफजल-कसाब॥
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बैठे, खाए ऐश में, जैसे हों दामाद।
रईयत को हक भी नहीं, करने की फ़रियाद॥
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अधिवक्ता मिल गए इन्हें, कैसे भाई जान ?
कौन इनके करमों से, बन बैठा अनजान ??
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इन्हें बचा कर हासिल क्या, होगा बड़ा सवाल ?
गद्दारों की पैरवी पर, मचता नहीं बवाल॥
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जाने कित्ता खींचेगा, केस नहीं है साफ़।
खुशकिस्मती शहीदों की, अगर मिला इन्साफ॥
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हिंद के हत्यारे, सज़ा न पायेंगे क्या रे?
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बिल्कुल सही लिखा है ....सच्चाई कहती रचना
ReplyDeleteसच को बेबाकी से कहती रचना........वाकई "अतिथि देवो भवः" के कहावत को हमने अफज़ल और कसाब के मामले में सच कर दिखाया है |
ReplyDeleteबेहतरीन पोस्ट के लिए बधाई !!