Saturday, June 4, 2011

जीवन संगीत

माना जीवन की डगर अगम.
पर व्यर्थ निराशा, दिनकर भी 
तप कर ही स्वयं, हरता है तम. 

जब चलना है, संदेह  नहीं 
होंगे अवश्य पथ में कंटक 
निज ध्यान लक्ष्य पर रहे बना 
आवें चाहे जितने संकट 
जब है हमने जीवन पाया 
तब क्या सोंचें, कितना दुर्गम.

माना जीवन की डगर अगम....

थे 'पहले' क्या? अज्ञात सही
पर होंगे क्या, अज्ञात नहीं 
है मनुज बनाता स्वभविष्य 
यह सृष्टी की सौगात नहीं 
सुख दुःख की सीमा तज कर ही 
संभव है होना सफल चरम.

माना जीवन की डगर अगम.....

जीवन जीना है बात और 
जीवन है कीट भी जी लेते 
पर संकट में ना हो हताश 
निश्चित है समर वही जीते 
जग एक कसौटी मानव को 
अविचल करते जाना है कर्म.

माना जीवन की डगर अगम...

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9 comments:

  1. 'मानव जीवन की डगर अगम '

    ....................जीवन को जोश देने में समर्थ , सुन्दर गीत
    ..................लयबद्धता , प्रवाह , शब्द चयन दर्शनीय
    ...............भाव पक्ष -कला पक्ष ....दोनों से समृद्ध

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  2. जीवन जीना है बात और
    जीवन है कीट भी जी लेते
    पर संकट में ना हो हताश
    निश्चित है समर वही जीते
    जग एक कसौटी मानव को
    अविचल करते जाना है कर्म.

    बहुत ही सुंदर,
    विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

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  3. थे 'पहले' क्या? अज्ञात सही
    पर होंगे क्या, अज्ञात नहीं
    है मनुज बनाता स्वभविष्य
    यह सृष्टी की सौगात नहीं
    सुख दुःख की सीमा तज कर ही
    संभव है होना सफल चरम.
    anupam rachna

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  4. जीवन जीना है बात और
    जीवन है कीट भी जी लेते
    पर संकट में ना हो हताश
    निश्चित है समर वही जीते
    जग एक कसौटी मानव को
    अविचल करते जाना है कर्म.

    रोचक और प्रेरक रचना अभिव्यक्ति... आभार ...

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  5. प्रिय बंधुवर S M हबीब जी
    सादर सस्नेहाभिवादन !

    वाह वाऽऽह ! कितना बढ़िया गीत लिखा है …
    जीवन जीना है बात और
    जीवन है कीट भी जी लेते
    पर संकट में ना हो हताश
    निश्चित है समर वही जीते
    जग एक कसौटी मानव को
    अविचल करते जाना है कर्म.

    माना जीवन की डगर अगम...

    सुरेन्द्र सिंह "झंझट" जी ने मेरे मन की बात पहले ही लिख दी है …

    …और सच कहूं तो मैं आपके गीत को बहुत तन्मयता के साथ गा रहा हूं …
    आपका मोबाइल नं. दें कुछ सुनाना था … या मुझे रिंग करें इस नं. पर 09314682626

    हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !

    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  6. karmthata ka path padhaati ...bahut sundar kavita numa geet ...

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  7. कल 06/09/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  8. वाह ...बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति ।

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मेरी हौसला-अफजाई करने का बहुत शुक्रिया.... आपकी बेशकीमती रायें मुझे मेरी कमजोरियों से वाकिफ करा, मुझे उनसे दूर ले जाने का जरिया बने, इन्हीं तमन्नाओं के साथ..... आपका हबीब.

"अपनी भाषा, हिंदी भाषा" (हिंदी में लिखें)

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