समस्त सम्माननीय मित्रों को सादर नमस्कार... तनिक विलम्ब के साथ सभी स्नेहीजनों को भगवान् श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई देते हुए यह गीत प्रस्तुत है...
आ भी जाओ कन्हैया यहाँ...
सारा गोकुल तुझे ही पुकारे...
धेनु तेरी यहाँ पर सुरक्षित नहीं,
राधा अब भी खडी प्रतीक्षित वहीं,
छोड़ कर तू गया था जहां...
आज अपना वचन तू निभा रे....
देख मथुरा की गलियाँ कलंकित हुईं,
सच्चाई यहाँ पर प्रतिबंधित हुईं,
कंस का अत्याचार बढ़ा...
आके फिर से तू इसको मिटा रे...
जन गण हैं दमित और प्रताड़ित यहाँ,
मुट्ठी भर अत्याचारी हैं फलित यहाँ,
गोप गोपी का तू आसरा...
अपनी लीला तू फिर से दिखा रे...
आ भी जाओ कन्हैया यहाँ,
सारा गोकुल तुझे ही पुकारे....
********श्री कृष्ण जन्माष्टमी की सादर बधाईयाँ************
इस गीत को सुनें मेरी आवाज में...
आप तो बहुत सुन्दर गाते हैं ....विषय प्रासंगिक था ,पढ़ना और सुनना दोनों ही सार्थक लग रहा था ....जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ
ReplyDeleteसुप्रिय बंधुवर संजय मिश्र 'हबीब' जी
ReplyDeleteजय श्रीकृष्ण !
सस्नेहाभिवादन !
आधुनिक संदर्भों को लेते हुए कन्हैया को बहुत प्यारे अंदाज़ में याद किया है … क्य बात है !
जन गण हैं दमित और प्रताड़ित यहाँ,
मुट्ठी भर अत्याचारी हैं फलित यहाँ,
… और सोने पर सुहागा आपने अपने स्वर में स्वरबद्ध करके गा'कर भी लगाया है
… … … मगन हो'कर सुना … ऽऽऽ… … … आनन्द आ गया
आज तो दोहरी तारीफ़ के हक़दार हैं आप !!
आगे भी यह सिलसिला बना रहे …
♥श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई-शुभकामनाएं!♥
- राजेन्द्र स्वर्णकार
कृष्ण आज के समय में भी प्रासंगिक हैं...अब तो भ्रष्टाचार के कंस का वध करने के लिए उनको आनअ ही होगा...बहुत सुन्दर और प्रभावी अभिव्यक्ति..
ReplyDeleteआपकी लयबद्ध रचना ने गुनगुनाने को बाध्य कर दिया.सामयिक विसंगतियों को दूर करने के लिये कन्हैया एक ना एक दिन जरूर आयेंगे.
ReplyDeletebahut bahut sundar .aabhar .
ReplyDeleteBHARTIY NARI
आठें कन्हैया के गाड़ा गाड़ा बधाई, सुन्दर गाये हस, मजा आगे.
ReplyDeleteबधाइयाँ ..सुन्दर गीत पढवाने और सुनाने के लिए.
ReplyDeletekoi itne bhaav se bulae to kanhaiya ko bhi aana hi padega.bahut hi sundar rachna
ReplyDeleteबधाई ... इस सुन्दर गीत के लिए .. आपको भी कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई ...
ReplyDeletekitni prasangic prastuti hai ye apki... krishna or bhrashtachaar,,, haan aj hame krishn ki hi zaroorat hai..... is sunder geet ke liye badhai,..
ReplyDeleteआधुनिक संदर्भों को लेते हुए कन्हैया को बहुत प्यारे अंदाज़ में याद किया है .. सुन्दर गीत के लिए भी बहुत-बहुत बधाई ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गीत। आपकी आवाज़ में और भी अच्छा लगा।
ReplyDeleteभक्ति भाव का अहसास कराती खूबसूरत रचना .गीत नहीं सुन पाया अफ़सोस .
ReplyDeleteइस ओजपूर्ण प्रस्तुति के लिये ... बहुत-बहुत बधाई ।
ReplyDeleteबढिया कविता- जन्माष्टमी की बधाई॥
ReplyDeleteप्रार्थना को सामायिक रूप दिया है. क्या बात है.
ReplyDeleteयदि मीडिया और ब्लॉग जगत में अन्ना हजारे के समाचारों की एकरसता से ऊब गए हों तो कृपया मन को झकझोरने वाले मौलिक, विचारोत्तेजक आलेख हेतु पढ़ें
अन्ना हजारे के बहाने ...... आत्म मंथन http://sachin-why-bharat-ratna.blogspot.com/2011/08/blog-post_24.html
आ भी जाओ कन्हैया यहाँ
ReplyDeleteसारा गोकुल तुझे ही पुकारे
केवल गोकुल नहीं, सारा देश कान्हा को पुकार रहा है।
बहुत सुंदर आह्वान।
wah ..bhavpoorna prastuti..
ReplyDeletebadhai.
बेहद सुन्दर प्रस्तुति!
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