Sunday, April 3, 2011

"मातुपासना की नव तिथियाँ"

भी सम्माननीय सुधि मित्रों को सादर नमस्कार तथा चैत्र नवरात्री की पावन बधाईयों संग मातारानी को समर्पित एक भक्ति गीत - "मातुपासना के नव तिथियाँ"

*

नवराते की पावन घड़ियाँ,

जीवन में बरसाए खुशियाँ।

तन-मन निश्छल-निर्मल कर दे,

मातुपासना की नव तिथियाँ॥

*

मन में भक्ति राग हमारे,

धन्य हुए हैं भाग हमारे,

भासित अंतर के सारे तम,

ह्रदय हुए हैं प्रयाग हमारे।

दर्शन को तेरे व्याकुल हैं,

मात हमारी भीगी अँखियाँ॥

*

तेरी राहों में जब चलते,

पांवों के छाले आप ही भरते,

चौखट तक तेरी आ पहुंचे,

जय माता दी कहते कहते।

तेरी ही हम संताने सब,

क्षमा करो माँ जो हो कमियाँ॥

*

नवराते की पावन घड़ियाँ,

जीवन में बरसाए खुशियाँ।

तन-मन निश्छल-निर्मल कर दे

मातुपासना की नव तिथियाँ॥

*

************** चैत्र नवरात्र की पावन बधाईयाँ ****************

4 comments:

  1. नवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।

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  2. प्रियवर भाईजी हबीब साहब
    सादर सस्नेहाभिवादन !

    आप आप ही हैं …
    इतने प्यारे इंसान ! इतने पावन रचनाकार !

    मेरी उपस्थिति आपके यहां दर्ज़ अवश्य नगण्य ही हो पाती है …
    लेकिन मैं आपकी पोस्ट पढ़ अवश्य लेता हूं प्रायः ।

    भक्ति भाव जाग्रत करने वाली इस गेय रचना के लिए आभार !

    मन में भक्ति राग हमारे
    धन्य हुए हैं भाग हमारे

    भासित अंतर के सारे तम
    ह्रदय हुए हैं प्रयाग हमारे

    दर्शन को तेरे व्याकुल हैं
    मात हमारी भीगी अंखियां


    बहुत अच्छी सामयिक रचना है …

    आपको भी चैत्र नवरात्रि की बधाई और मंगलकामनाएं !

    साथ ही…

    नव संवत् का रवि नवल, दे स्नेहिल संस्पर्श !
    पल प्रतिपल हो हर्षमय, पथ पथ पर उत्कर्ष !!

    चैत्र शुक्ल शुभ प्रतिपदा, लाए शुभ संदेश !
    संवत् मंगलमय ! रहे नित नव सुख उन्मेष !!

    *नव संवत्सर की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !*


    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  3. भैया सादर प्रणाम,
    आपको नववर्ष एवं नवरात्री की हार्दिक बधाई एवं अशेष शुभकामनायें...

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मेरी हौसला-अफजाई करने का बहुत शुक्रिया.... आपकी बेशकीमती रायें मुझे मेरी कमजोरियों से वाकिफ करा, मुझे उनसे दूर ले जाने का जरिया बने, इन्हीं तमन्नाओं के साथ..... आपका हबीब.

"अपनी भाषा, हिंदी भाषा" (हिंदी में लिखें)

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