समस्त सुधि मित्रों को सादर नमस्कार। आप सभी प्रियजनों को असत्य, अधर्म, अन्धकार, स्वार्थ पर सत्य, धर्म और उजाले की विजय का महोत्सव "विजयादशमी" की हार्दिक, हार्दिक बधाईयाँ देते हुए एक प्यारी सी, नई रचना "रावण-रहित हो हर ह्रदय", इस कामना के साथ प्रस्तुत है कि आज के दिन स्थान स्थान पर प्रज्ज्वलित रावण के पुतलों के साथ दुनिया की तमाम बुराइयां जल कर भस्म हो जाय, और साथ ही उसके पुनरान्कुरण की समस्त संभावनाएं भी भस्म हो जाए....
हर्षित गगन, हर्षित धरा,
सन्देश यह खुशियों भरा,
सद्जीत का संगीत ले-
फिर आ गया लो दशहरा।
*
सन्दर्भ है अच्छाई का,
संकेत है रघुराई का,
निश्चित विजय, निर्मित विजय,
तय है सदा सच्चाई का ।
कण कण में उद्धृत सत्य यह
संकट से फिर क्यूँ मन डरा... ।
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सम्बन्ध हो सम्मान का,
सौहार्द्रता की गान का,
संकल्प लें सदराह का-
सद्चेतना, सद्ज्ञान का
चिरमुक्त हो अब द्वेष से,
तन-मन-ह्रदय हो सुर भरा... ।
*
शक्ति जब अभिमान हो,
जब 'ज्ञान' ही 'अज्ञान' हो,
निष्फल हैं उद्दयम फिर सभी,
फिर चाहे जो बलवान हो।
सत से हुआ जब वह विमुख,
बलहीन हो रावण मरा... ।
*
हर्षित गगन, हर्षित धरा,
सन्देश यह खुशियों भरा,
सद्जीत का संगीत ले-
फिर आ गया लो दशहरा।
*
***** विजयोत्सव की शुभकामनाएं *****
बहुत सुंदर बातें बताई आपने तो अच्छी सी कविता में....
ReplyDeleteविजयदशमी की शुभकामनायें आपको भी
सुंदर ज्ञानवर्धक प्रेरणादायी कविता है
ReplyDeleteविजयादशमी की बधाई।
dashara ko gahari samajh k sath paribhashit karane vali kavita k liye badhai ho. anant shubhkamanaye....
ReplyDelete... badhaai va shubhakaamanaayen !
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति .
ReplyDeleteविजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं .
bahut sunder aur gehri prastuti ... apne andar ki burai mitana hi rawan ka naash karna hai ... aabhar
ReplyDeleteबहुत बढ़िया सारगर्वित प्रस्तुति..... दशहरा पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई ... आभार
ReplyDeleteअज्ञान पर हो ज्ञान की
ReplyDeleteअसत्य पर सत्य की
पाप पर हो पुन्य की
हर रावण पर
राम की हो विजय .....
हबीब जी उम्मीद तो यही रहेगी ......!!
वाह बेहद सुन्दर भावाभिव्यक्ति..........
ReplyDeleteसार्थक एवं प्रभावी पोस्ट के लिए बधाई स्वीकार करें.....