Tuesday, August 31, 2010

"कृष्ण का नाम पूर्णता का एहसास है"

सुधि मित्रों को सादर नमस्कार और श्री कृष्ण जन्मोत्सव की भक्तिपूर्ण बधाइयां।

श्री कृष्ण का नाम पूर्णता का एहसास है,
सुख का सागर है चिर - मधुमास है।

धरती हैं, पाताल है, अन्तरिक्ष है आकाश है।
जल है, वायु है, विस्तार है, विकास है॥

छांव है, धूप है, प्रतिबिम्ब है, प्रकाश है।
गीत है, संगीत है, आनंद है, उल्लास है॥

काम है, निष्काम है, अध्ययन है, अभ्यास है।
वृक्ष है, फल है, पुष्प है, सुवास है॥

आदि है, अनंत है, अजन्मा है, अनाश है।
ब्रह्म है, ब्रह्माण्ड है, शिव है, कैलास है॥

मीरा की पूजा है, राधा का विश्वास है।
सुदामा का संबल है, कष्टों का प्रणाश है॥

दीपक है, ज्योती है, श्रद्धा है, उपवास है,
प्रेम है, विरह है, मिलन है, महारास है॥

ऐसे पूर्णकाम भगवान् श्री कृष्ण के चरणों में मुझ अकिंचन का श्रद्धा-सुमन स्वरुप यह पोस्ट समर्पित है....

जिनके हैं धरती अम्बर, जो जग का आधार।
आवाहन गोपाल का, फिर प्रगटो पालनहार॥

छम- छम कर फिर डोलिए, मन के बृज नंदलाल।
नैन बिछाए राह में, हम बन ग्वालन - ग्वाल॥

जी चाहे फिर देखना, लीला वह चितचोर।
कंकर मटकी फोड़ना, गलियन में भय भोर॥

गोकुल की गलियाँ बनी, कंस की क्रीडागार।
व्याकुल जन की पीर हरो, हो कर फिर साकार॥

गूंजे 'कलि' आकाश में, गीता पावन श्लोक।
कलि, द्वापर कर दो प्रभु, फैले ज्ञानालोक॥

द्वार सुदामा खड़ा हुआ, लिए नैन विश्वास।
भक्त की सुधि लो प्रभु, पूरी कर दो आस॥

--------------------- जय श्री कृष्ण -------------------------

9 comments:

  1. बहुत सुंदर काव्याभिव्यक्ति के लिए आपका आभार

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  2. बहुत सुन्दर ..कृष्ण का नाम ही पूर्ण है ...

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  3. कृष्ण जन्माष्टमी के मंगलमय पावन पर्व अवसर पर आप सभी को ढेरों बधाई और शुभकामनाये ...

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  4. शत शत नमन, योगेश्वर कृष्ण को, आपकी लेखनी को, आपकी भावनाओ को और आपको भी.

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  5. कृष्‍ण को बहुत सुन्‍दर ढंग से अभिव्‍यक्‍त किया है भाई आपने, धन्‍यवाद.


    जय जोहार, आठे कन्‍हैया के गाडा गाडा बधई.

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  6. बाऊ जी,
    आदाब!
    आप भी ना... कर देते हैं लाजवाब!
    पसंद आयी कृष्ण वंदना बेहिसाब!
    आशीष
    --
    अब मैं ट्विटर पे भी!
    https://twitter.com/professorashish

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  7. आदरणीय हबीब साहब

    शुभकामनाएं दूं ! बधाई दूं !
    नमन कहूं ! प्रणाम कहूं !
    कुछ समझ नहीं पा रहा हूं …

    आपकी यह पोस्ट सचमुच वंदनीय है … और साथ ही साथ आपकी लेखनी !

    आप जैसे समदृष्टि रखने वाले क़लमकार की , इंसान की सख़्त ज़रूरत है । आपके लिखे आज के एक एक शब्द को उद्धृत समझें ।

    परमात्मा आपका स्वास्थ्य बनाए रखें ।









    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  8. भैया सादर प्रणाम देर से टिपण्णी करने के लिए माफ़ी सहित आपको इस बेहद सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई देना चाहता हूँ.............स्वीकार कर अनुग्रहित करें !!

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  9. मेरी हौसला आफजाई के लिए शुक्रिया. राजेंद्र भईया, आप के शब्दों में एक स्नेही भाई का बड़प्पन स्पष्ट झलकता है. समस्त स्वजनों से गुजारिश करता हूँ अपना स्नेह एवं मार्गदर्शन प्रदान करते रहें.

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मेरी हौसला-अफजाई करने का बहुत शुक्रिया.... आपकी बेशकीमती रायें मुझे मेरी कमजोरियों से वाकिफ करा, मुझे उनसे दूर ले जाने का जरिया बने, इन्हीं तमन्नाओं के साथ..... आपका हबीब.

"अपनी भाषा, हिंदी भाषा" (हिंदी में लिखें)

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