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"अपनी भाषा, हिंदी भाषा" (हिंदी में लिखें)
एक नज़र इधर भी...
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मैं सहर की शाम की हर पीर लिखता हूँ जिंदगी में हर कदम तज्वीर लिखता हूँ |१| काट कर जड़ जंगलों की बादलों की मैं , इस धरा की सूखती तकदीर लिख...
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चाँद शरमाता हुआ सा छुप गया | ले गया दिल और जां ले, उफ़! गया || धडकनों में गीत मीठे बज उठे, बांसुरी ले आसमां ही झुक गया || वो घटाएं, वो सम...
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समस्त सम्माननीय मित्रों को स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक बधाईयों सहित एक नज़्म सादर समर्पित.. . झुक नहीं सकता कभी भी मान यह अभिमान है। ...
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जंगल जंगल वेदना, मनुज वेदना शुन्य| भटके भूले राह सब, कहाँ पाप कंह पुण्य|| नादानी है छीनना, हरियाली के प्राण| वरदाता सब पेड अब, मांगें जीवनद...
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ख्वाब देखा जो पल में बिखर जाएगा। छोड़ कर अपना घर तू किधर जाएगा।1। बोल कर मीठी बोली बुला उसको तू, साया बन राहों में वो उतर जाएगा।2। इम्...
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स मस्त सम्माननीय सुधि मित्रों को सादर नमस्कार... पिछले पंद्रह दिनों से अत्यधिक व्यस्तता ने ब्लॉग पठन - पाठन से दूर कर रखा था. अब जल्द ही नि...
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प्यारी बहना रूठती, भाइ करत मनुहार. भाइ भगिन का प्यार है, भगवत का उपहार. स मस्त सम्मानीय स्नेही मित्रों को भाई बहिन के पवित्र प्यार से सराब...
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* समस्त उजाले समेट कर सूरज सरक गया क्षितिज के पार... शेष है सूर्योदय का अंतहीन इन्तजार.... * सूखती नदियों और तुम्हारी किस्मत में फर्क ...
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स मस्त स्नेही मित्रों को सादर अभिवादन. कुछ समय से जिस अत्यधिक व्यस्तता के चलते आप सभी स्नेहीजनों से अवांछित दूरी बनी रही उसका पटाक्षेप मं...
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सम्माननीय मित्रों, आज उर्दू अदब की रोशन मीनार शायरे आजम असदउल्ला खां ग़ालिब की जयन्ती है. ग़ालिब सचमुच ग़ालिब थे, यानि सबको जीत लेने वाले... उ...
मंहगाई इन्हें भी खाय जात है .... बढ़िया कारटून
ReplyDeleteहा हा हा
ReplyDeleteअभी भी ये नंगे ही घुम रहे हैं
कितनी हवस बढ गयी है,इससे जाहिर होता है।
अच्छी चुटकी
आभार
शुभ प्रभात तो इन्हीं का है भाई :- "क्रिकेट, नेता, एक्टर - हर महफिल की शान, दाढ़ी, टोपी बन गया गालिब का दीवान"
ReplyDeleteनेता और आदमी में क्या अंतर है ??
ReplyDeleteआदमी तो नेता हो सकता है पर नेता आदमी नहीं
हर हर महादेव
जय हिंद