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"अपनी भाषा, हिंदी भाषा" (हिंदी में लिखें)
एक नज़र इधर भी...
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समस्त सम्माननीय मित्रों को स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक बधाईयों सहित एक नज़्म सादर समर्पित.. . झुक नहीं सकता कभी भी मान यह अभिमान है। ...
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सादगी से जहाँ में निभाये चलो। आन भी हौसला भी बचाये चलो। इंदिया जिन्दगी का यही एक है , इश्क की पाक लौ को जलाये चलो। आलमे आरिजी क्या गमो...
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चाँद शरमाता हुआ सा छुप गया | ले गया दिल और जां ले, उफ़! गया || धडकनों में गीत मीठे बज उठे, बांसुरी ले आसमां ही झुक गया || वो घटाएं, वो सम...
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समस्त सम्माननीय मित्रों को सादर नमन सहित आज प्रस्तुत है ओपन बुक्स आनलाईन महा उत्सव अंक १५ के लिए तलाश विषय रचित दोहे.... आँखें अपनी...
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(१) सुबह सुबह कँवल की पांखुरी पर थिरकती... शबनम की वह बूँद कितनी खुश... कितनी प्यारी लग रही है.... उसे कहाँ पता है.. अभी कुछ ही देर में ...
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प्यारी बहना रूठती, भाइ करत मनुहार. भाइ भगिन का प्यार है, भगवत का उपहार. स मस्त सम्मानीय स्नेही मित्रों को भाई बहिन के पवित्र प्यार से सराब...
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स मस्त स्नेही मित्रों को सादर अभिवादन. कुछ समय से जिस अत्यधिक व्यस्तता के चलते आप सभी स्नेहीजनों से अवांछित दूरी बनी रही उसका पटाक्षेप मं...
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मैं सहर की शाम की हर पीर लिखता हूँ जिंदगी में हर कदम तज्वीर लिखता हूँ |१| काट कर जड़ जंगलों की बादलों की मैं , इस धरा की सूखती तकदीर लिख...
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कुछ व्यस्तताओं के चलते अपनी लम्बी अनुपस्थिति के लिए स्नेही मित्रों से सादर क्षमायाचना, आप सबके सहृदय स्नेह के लिए सादर आभार सहित शुभाभिनंदन....
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स भी सम्माननीय सुधि मित्रों को सादर नमस्कार. मित्रों, भारतीय छंद शास्त्र सचमुच महासागर की तरह है. इसमें ऐसे ऐसे मोती हैं जिसकी चमक से विश्व ...
मंहगाई इन्हें भी खाय जात है .... बढ़िया कारटून
ReplyDeleteहा हा हा
ReplyDeleteअभी भी ये नंगे ही घुम रहे हैं
कितनी हवस बढ गयी है,इससे जाहिर होता है।
अच्छी चुटकी
आभार
शुभ प्रभात तो इन्हीं का है भाई :- "क्रिकेट, नेता, एक्टर - हर महफिल की शान, दाढ़ी, टोपी बन गया गालिब का दीवान"
ReplyDeleteनेता और आदमी में क्या अंतर है ??
ReplyDeleteआदमी तो नेता हो सकता है पर नेता आदमी नहीं
हर हर महादेव
जय हिंद