Saturday, January 8, 2011

"किसान महिमा"

मस्त स्नेही मित्रों को सादर नमस्कार। मित्रों, यह समय है जब किसान खेतों में अपनी मेहनत के लहलहाते परिणाम को लेकर अपने खलिहानों की ओर सोल्लास कदमपोशी करता है। एक यात्रा से वापसी में एक खेत के समीप ऐसा ही उल्लासमय वातावरण देख कर ना केवल ठिठक गया बल्कि अपने आप को रोक नहीं सका उन उल्लासित क्षणों में शामिल होने से। मेरा सौभाग्य कि कटे फसल को गाडी में रखने में व्यस्त कृषक परिवार का एक तरह से हिस्सा बनकर मैं भी उस आनंद में सहभागी बना। धान के गट्ठर को सर में रखकर गाडी तक आते हुए जिस सुख और सुकून का एहसास हुआ और देश के तमाम मेहनतकश माटीपुत्रों के प्रति जो आदरभाव उमड़ा, वह शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। आज देश के किसानों को उनके श्रम का उचित सम्मान नहीं मिल पाना अत्यंत दुखद पहलु है, बावजूद इसके वे जिस लगन और जीवटता के साथ खुद भूखे रहकर देश की भूख मिटाने के संकल्प का परिपालन करते हैं, ऐसे किसानों को नमन करते हुए उसकी महिमा का बखान करती चंद पंक्तियाँ समर्पित हैं.... "किसान महिमा"
***
भारत की शान हूँ
मैं स्वर्णिम विहान हूँ।
मेहनत का साथी हूँ,
दुःख का अवसान हूँ॥
*
सींच कर पसीने से
खुशियाँ उपजाऊँ मैं,
पथरीली राहों में
चहकूं और गाऊँ मैं,
काँटों की सेज से भी सुख का उत्थान हूँ॥
मैं भारत की शान हूँ, मैं स्वर्णिम विहान हूँ॥
*
एक काँधे हल जगत का
दूसरे में भार है।
मुल्क सारा मेरे ही
कुटुंब का विस्तार है।
देश को खुशहाली औ' समृद्धि का वरदान हूँ॥
मैं भारत की शान हूँ, मैं स्वर्णिम विहान हूँ॥
*
रुखी-सूखी खाता हूँ,
सुख से निभाता हूँ।
अपनी इस दुनिया का
मैं ही विधाता हूँ।
काल हो अकाल हो, आसाओं का खलिहान हूँ॥
मैं भारत की शान हूँ, मैं स्वर्णिम विहान हूँ॥
*
********* भारत के भाग्य विधाता 'किसान', तेरी जय हो *********

7 comments:

  1. किसान से ही अनाज है और अनाज से ही जीवन है।
    किसान मेरे देश का अन्नदाता है।

    सुंदर कविता के लिए आभार

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  2. भैया सादर प्रणाम,
    वाकई आपने इस पोस्ट के माध्यम से बहुत सी बातें याद दिला दी और अचानक वह मन जो अब तक "किसान के पीरा" पर चिंतित था अब वह "किसान की महिमा" जानकर प्रसन्न है और रहत की साँस ले रहा है.......आभार !!

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  3. बड़े भैया, बहुत सुन्दर कविता,
    "काल हो अकाल हो आशाओं का खलिहान हूँ."
    भूमिपुत्रों का ये साहस ही तो हमारी शान है.

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  4. adbhut...pyara-dularaa geet hai. aanand aa gayaa. samaj ke nayak hai kisaan . bhagyvidhayak bhi hai. badhai...aise lekhan k liye.

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  5. kisaan
    aur kisaan ki mahaantaa
    ko bahut sundar aur anupam soch mei
    baandhaa hai aapne
    abhivaadan svikaareiN .

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  6. बहुत खूब .....!!

    इस मेहनत के साथ किसानों को नमन है .....!!

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मेरी हौसला-अफजाई करने का बहुत शुक्रिया.... आपकी बेशकीमती रायें मुझे मेरी कमजोरियों से वाकिफ करा, मुझे उनसे दूर ले जाने का जरिया बने, इन्हीं तमन्नाओं के साथ..... आपका हबीब.

"अपनी भाषा, हिंदी भाषा" (हिंदी में लिखें)

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