समस्त आत्मीय स्नेहीजनों को सादर अभिवादन। शताब्दी के दूसरे दशाब्दी का प्रथम वर्ष सृष्टी का चौखट लांघने ही वाला है। सर्वत्र उल्लास व हर्ष के मध्य सारे जहां की तरह आपका यह नादाँ हबीब भी यही कामना करता है कि नवागत वर्ष सारे जहां में अमन-ओ-चैन और सुख समृद्धी का विस्तार ले कर आये, तथा आप सभी गुनीजनों को ह्रदय से सादर, हार्दिक बधाईयाँ और शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए यह पोस्ट हमारी प्यारी, खुबसूरत दुनिया को समर्पित है.... "स्वागत-नवागत"
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नया साल, नया हाल।
स्वप्न बुने नया जाल॥
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रहे ना भीत
उर बसे प्रीत
गूंजे सर्वत्र खुशी के गीत
रचे हवा नया सुर ताल॥
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नई चाह,
नया राह
राह कोई रहे ना स्याह
सूर्य चले अब नया चाल॥
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समय गया,
देकर नया
रखें दिलों में कुछ दया
सबको हो सबका ख़याल॥
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हो बैर ख़त्म
आवेश ख़त्म
आपस के सब द्वेष ख़त्म
सबका बने ह्रदय विशाल॥
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नया साल, नया हाल।
स्वप्न बुने नया जाल॥
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हार्दिक शुभकामनाएं
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नववर्ष पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई ...
ReplyDeleteसुंदर रचना के साथ नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDeleteआपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनांए भाई.
ReplyDelete... bahut sundar !
ReplyDeleteनया साल शुभा-शुभ हो, खुशियों से लबा-लब हो
न हो तेरा, न हो मेरा, जो हो वो हम सबका हो !!
बहुत सुन्दर रचना ..काश सब द्वेष भाव भुला सकें ...
ReplyDeleteनव वर्ष की शुभकामनायें
नूतन वर्ष 2011 की शुभकामनाएं
आपकी पोस्ट 1/1/11-1/11 की प्रथम वार्ता में शामिल है।
नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteपल पल करके दिन बीता दिन दिन करके साल।
नया साल लाए खुशी सबको करे निहाल॥
आपको और आपके परिवार को नव वर्ष की ढेरों मंगलकामनाये !
ReplyDeleteधन्यवाद, मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए और बहुमूल्य टिपण्णी देने के लिए
ReplyDeleteनूतन वर्ष की बधाई और ढेरों शुभकामनाये ।
ReplyDeleteरहे न भीत
ReplyDeleteउर बसे प्रीत ...
खुदा आपकी दुआ कबूल करे .....
आमीन .....!!
सुन्दर भाव लिए रचना |बधाई मेरे ब्लॉग पर आने के लिए आभार | नव वर्ष शुभ और मंगलमय हो |
ReplyDeleteआशा
आपको और आपके परिवार को नव वर्ष की अनंत मंगलकामनाएं
ReplyDeleteभैया सादर प्रणाम,
ReplyDeleteदेर से ही सही पर नववर्ष की हार्दिक बधाई स्वीकार करें !!
**ईश्वर से कामना है की इस वर्ष भी अनवरत आपकी कवितायेँ सुनने और पढने मिले**