मैनें देखा
बापू के तीनों बन्दर
एकदम "डिफरेंट पोजीसन"
में बैठे हैं...
मैनें पूछा -
ये क्या हुआ, आप तीनों
अपनी भिन्न मुद्राएँ बदलकर
एक ही मुद्रा बनाकर कैसे बैठे हैं?
उनमें से एक बोल उठा-
क्या करें,
बरसों से हम
अपनी नैसर्गिक प्रवृत्ती छोड़
शांत बैठकर,
लोगों को
बुरा ना देखने
बुरा ना सुनने और
बुरा ना बोलने
की शिक्षा देते आ रहे हैं...
बावजूद इसके
हमारे सन्देश के
विरोधियों की संख्या
निरंतर बढ़ती जा रही है....
सुना नहीं तुमने
अरुंधती,
गिलानी,
चिदंबरम,
दिग्विजय
और अब
बुरा बोलने वालों की ज़मात का
ताजा उदहारण,
राहुल बाबा ने क्या कहा...?
अब तुम्हीं बताओ
ऐसे में हम तीनों
"सर पकड़ कर" (जिसे तुम एक ही मुद्रा में बैठना कह रहे हो)
ना बैठें
तो क्या करें??
********** :-)) ************** ((-: ************
बापू के तीनों बन्दर
एकदम "डिफरेंट पोजीसन"
में बैठे हैं...
मैनें पूछा -
ये क्या हुआ, आप तीनों
अपनी भिन्न मुद्राएँ बदलकर
एक ही मुद्रा बनाकर कैसे बैठे हैं?
उनमें से एक बोल उठा-
क्या करें,
बरसों से हम
अपनी नैसर्गिक प्रवृत्ती छोड़
शांत बैठकर,
लोगों को
बुरा ना देखने
बुरा ना सुनने और
बुरा ना बोलने
की शिक्षा देते आ रहे हैं...
बावजूद इसके
हमारे सन्देश के
विरोधियों की संख्या
निरंतर बढ़ती जा रही है....
सुना नहीं तुमने
अरुंधती,
गिलानी,
चिदंबरम,
दिग्विजय
और अब
बुरा बोलने वालों की ज़मात का
ताजा उदहारण,
राहुल बाबा ने क्या कहा...?
अब तुम्हीं बताओ
ऐसे में हम तीनों
"सर पकड़ कर" (जिसे तुम एक ही मुद्रा में बैठना कह रहे हो)
ना बैठें
तो क्या करें??
********** :-)) ************** ((-: ************
बहुत सही ...अच्छी प्रस्तुति ..
ReplyDeleteबेहतरीन...
ReplyDeleteहबीब भाई,
ReplyDeleteचित्रों के माध्यम से आपने बहुत कुछ कह दिया है। सटीक पोस्ट। नए पोस्ट पर आपका स्वागत है।
Very Nice post>.Please visit my post.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर हबीब भाई.... बहुत उम्दा लिखा.... बधाई....
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