शोरोगुल सुन
घबराया सत्य
बापू की प्रतिमा के पीछे
छुप कर बैठ गया...
डरे, सहमे, सशंकित भाव से
उसने झाँक कर देखा
नारे लगाती
भीड़ के आगे चलते हुए,
झक सफ़ेद
खादी में लिपटे
वे आये,
बापू की प्रतिमा में
माल्यार्पण किया,
चरणस्पर्श किया,
'पीछे' आई भीड़ को
बापू के बताये रास्ते में...
बापू के 'पीछे' चलने की शिक्षा दी...
और बापू की ओर
पीठ फेर कर चल दिए...
'पीछे' आई भीड़ भी
'पीछे' चल दी....
'पीछे' रह गए...
बापू और सत्य !!!
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mai bhi bapu ke peechhe jagadalpur gaya tha.. shanti ko lekar ek sabha ka mukhya vaktaa thaa. abhi lauta aur ye vichar ke liye prerit kavita parhee. badhai.
ReplyDeleteसराहनीय पोस्ट के लिए बधाई .
ReplyDeleteकृपया इसे भी पढ़े - -
बीजेपी की वेबसाइट में हाथ साफ http://www.ashokbajaj.com
... bhaavpoorn abhivyakti !!!
ReplyDeleteसत्य कहती रचना ...सब कुछ पीछे ही छूट चुका है ..
ReplyDeleteभैया बेहतरीन भावपूर्ण पोस्ट के लिए मेरी बधाई स्वीकार करें........
ReplyDeleteअद्भुत अभिव्यक्ति, तीक्ष्ण प्रहार.
ReplyDeletewaa bro....
ReplyDeleterealy beautiful..............
"piche rah gaye bapu n satya.....
'
keep it up.....dear ...!
कृपा है आप पर ईश्वर की जो लगातार लिख पा रही हैं,बड़े-बड़े लेखक तो महीनों मूड बनाने में खर्च कर देते थे.
ReplyDeleteआनद आता है आपकी रचना यात्रा को निरखकर!!
नमः पार्वती पतेः हर हर महादेव
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteबापू के नाम पर होने वाले आडम्बरों की अच्छी खबर ली है आपने।
ReplyDeleteचित्र और अभिव्यक्ति दोनो लाजवाब है। कविता लिख कर चित्र ढूंढा या चित्र देखकर कविता लिखी...कहना मुश्किल है।
Bahut hi shandar vyangya rachna ---ek katu satya ko samne lane vali....
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