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"अपनी भाषा, हिंदी भाषा" (हिंदी में लिखें)
एक नज़र इधर भी...
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सादगी से जहाँ में निभाये चलो। आन भी हौसला भी बचाये चलो। इंदिया जिन्दगी का यही एक है , इश्क की पाक लौ को जलाये चलो। आलमे आरिजी क्या गमो...
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जाने क्या था उन उंगलियों की हरकत में... कि जमीन का सीना फाड़कर सैकड़ों बिजलियाँ मानों एक साथ आसमान की ओर लपकीं... सिमटते धूप क...
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edited - from google धूप का तिनका तिनका जोड़. चाँद की चादर बुनकर ओढ. ताकत अपनी क्यूँ भुला है? जाग के रुख दरिया का मोड़. दाम अगर खुशिया...
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गूगल से साभार मांग मत आराम के दो पल । और बन सूरज दमकता चल । 1 । आप अपनी ताकतें पहचां , कौन फिर तुझको सकेगा छल । 2 । किस...
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आ ज दुनिया भर में महान संत कबीर जी का प्राकट्य दिवस मनाया जा रहा है.... महान संत का पुन्य स्मरण कर आप सभी सम्मानीय स्नेहीजनों को कबीर जयं...
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समस्त सम्माननीय मित्रों को सादर नमन सहित आज प्रस्तुत है ओपन बुक्स आनलाईन महा उत्सव अंक १५ के लिए तलाश विषय रचित दोहे.... आँखें अपनी...
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सभी स्नेही गुनीजनों को सादर नमस्कार... आज बापू की १४६वीं जयंती है... उनका सादर पुन्य स्मरण.... आज जगह जगह पर अनेक कार्यक्रमों में बापू याद क...
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(1) तु झे सोचा तो उदासी घिर आई है बादल बन कर, स्मृतियों के कानन में करवटें बदलने लगे हैं मयूर... दर्द के...!! (2) ह वा का वह टुकड़ा...
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स मस्त स्नेही मित्रों को सादर अभिवादन. कुछ समय से जिस अत्यधिक व्यस्तता के चलते आप सभी स्नेहीजनों से अवांछित दूरी बनी रही उसका पटाक्षेप मं...
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तेरी सूखी यादों के photo taken with thanks from google & edited तिनके चुन चुन कर बनाया एक घर बैठकर उसके भीतर गाने लगा नज़्म मुहब्बत ...
मंहगाई इन्हें भी खाय जात है .... बढ़िया कारटून
ReplyDeleteहा हा हा
ReplyDeleteअभी भी ये नंगे ही घुम रहे हैं
कितनी हवस बढ गयी है,इससे जाहिर होता है।
अच्छी चुटकी
आभार
शुभ प्रभात तो इन्हीं का है भाई :- "क्रिकेट, नेता, एक्टर - हर महफिल की शान, दाढ़ी, टोपी बन गया गालिब का दीवान"
ReplyDeleteनेता और आदमी में क्या अंतर है ??
ReplyDeleteआदमी तो नेता हो सकता है पर नेता आदमी नहीं
हर हर महादेव
जय हिंद