Thursday, August 11, 2011

राखी के छंद

समस्त सम्माननीय सुधि मित्रों को सादर नमस्कार... भाई बहन के निश्छल प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का प्यारा  त्यौहार  आ गया...  रक्षाबंधन की सादर बधाई देते हुए इस प्यारे और न्यारे पर्व पर "राखी के छंद" सुधि जनों की सभा में प्रस्तुत है..
कुण्डलिया छंद 

(1).
जीवन बगिया में यही, खुशियों की पहचान
दीदी तेरा प्रेम ज्यों, भगवत का वरदान
भगवत का वरदान, रहे जीवन में हरदम
और जले बन दीप, मिटाता राहों के तम
मनाय तेरा भाइ, कलाई में राखी बन,
छलके तेरा प्यार, महकने लगता जीवन

(2)
तेरे मेरे नेह का, यह पावन त्यौहार
दीदी देख मना रहा, आज सकल संसार
आज सकल संसार, कलाई बनी है उपवन
मन में है उत्साह, लौट के आया छुटपन  
मनाय तेरा भाइ, बढे यह सांझ सवेरे
सुबह सदा मुस्काय, राह में मेरे तेरे.

धनाक्षरी छंद

आया राखी का त्यौहार, लाया हर्ष भी अपार 
छाई है बहार, धरा, सौरभ उड़ात है. 

खुशियों का खलिहान, छूने लगा आसमान 
बादलों में भीगा गान, अम्बर सुनात है. 

थाली भी सजाये रखे, राखियाँ मंगाए रखे, 
बहना की अंखियों में, प्यार मुस्कात है. 

भाई बड़ा भाग वाला, हाथों अपने निवाला,
बहना खिलात जाय, ह्रदय जुडात है. 

***************** हार्दिक बधाईयाँ ******************

15 comments:

  1. राखी के त्यौहार का सुन्दर वर्णन . एक दम फूलों की बगिया जैसी सजी हुई है आपकी पोस्ट.

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  2. सुन्दर प्रस्तुती....

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  3. मस्त छंद है भाई साहब
    रक्षा बंधन का अनु्पम उपहार
    आभार

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  4. एक लेख कविता और उसके छंदो की विशेषताओं पर हो जाये तो हमे भी रस पूरा लेने मे मजा आये। आशा है कि आप अनुरोध स्वीकार करेंगे

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  5. लाज़वाब...भाई बहिन के निश्छल प्रेम को चित्रित करतीं बहुत सुन्दर रचनाएँ..

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  6. वाह ...बहुत ही बढि़या प्रस्‍तुति ..आभार

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  7. बहुत बढ़िया.
    रक्षाबंधन पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनायें.

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  8. रक्षाबंधन पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनायें.... मज़ा आ गया इन छंदों को पढ़ के ... राखी का अनुपम उपहार ...

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  9. सुन्दर वर्णन .......रक्षाबंधन पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनायें !

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  10. आज पढ़ीं पर्व विशेष पर कई रचनाओं में सब से अच्छे लगे ये सभी छंद.
    रक्षाबंधन पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं!

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  11. पुराने दाने की नयी प्रस्तुति वाह क्या कहने !

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  12. अच्छी प्रस्तुति |
    बधाई
    आशा

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  13. बहुत सुन्दर!!

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  14. राखी के त्यौहार पर बहुत सुन्दर छंद....

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  15. छंदों का सौंदर्य और संदेश, दोनों पावन हैं।

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मेरी हौसला-अफजाई करने का बहुत शुक्रिया.... आपकी बेशकीमती रायें मुझे मेरी कमजोरियों से वाकिफ करा, मुझे उनसे दूर ले जाने का जरिया बने, इन्हीं तमन्नाओं के साथ..... आपका हबीब.

"अपनी भाषा, हिंदी भाषा" (हिंदी में लिखें)

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