tag:blogger.com,1999:blog-4338182847571174966.post5793653258024106626..comments2023-10-19T08:37:00.697-07:00Comments on एहसासात... अनकहे लफ्ज़.: बेटियाँS.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')http://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-4338182847571174966.post-40129850700103531632011-02-25T04:54:08.686-08:002011-02-25T04:54:08.686-08:00रचना में
प्रतीकात्मकता,
आपकी काव्य-क्षमता की परिचा...रचना में<br />प्रतीकात्मकता,<br />आपकी काव्य-क्षमता की परिचायक बन पडी है<br />बहुत संवेदनशील विषय है,,,<br />मनन होते रहना आवश्यक है<br />अभिवादन .daanishhttps://www.blogger.com/profile/15771816049026571278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4338182847571174966.post-4650363511736350692011-02-22T01:15:37.659-08:002011-02-22T01:15:37.659-08:00ब्लॉग पर बेटी के बारे में बहुत कुछ लिखा जा रहा है...ब्लॉग पर बेटी के बारे में बहुत कुछ लिखा जा रहा है.<br />अच्छा लक्षण है.<br />अगर कवि जागृत हो रहा है तो समझिये समाज को जागृत होते देर नहीं लगेगी.<br />बहुत ही उम्दा नज़्म है.<br />आप की कलम को सलामविशालhttps://www.blogger.com/profile/06351646493594437643noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4338182847571174966.post-83646985833485425412011-02-20T10:11:12.024-08:002011-02-20T10:11:12.024-08:00गौरव भाई, आदरणीय हीर जी, राजेन्द्र भैया.... सादर आ...गौरव भाई, आदरणीय हीर जी, राजेन्द्र भैया.... सादर आभार...<br />आद हीर जी, राजेन्द्र भैया ने सच कहा, आपके लफ्ज़ वाकई इस नाचीज़ को इज्जत बख्सते हैं....इंशाअल्लाह, कोशिश ज़रूर रहेगी कि मेरे द्वारा आपको भेजने लायक कुछ लिखा जा सके... बहुत शुक्रिया..<br />साथ ही, सभी मोहतरम मित्रों से गुजारिश है प्रेरणास्त्रोत बने रहने की... राह नुमाई करते रहने की...S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4338182847571174966.post-78409180550776983972011-02-17T07:59:34.896-08:002011-02-17T07:59:34.896-08:00आदरणीय हबीब भाईजान
सादर सस्नेहाभिवादन !
...<b><i>आदरणीय हबीब भाईजान </i></b> <br />सादर सस्नेहाभिवादन ! <br /><b> </b> <br /><b>बेटियां </b> नज़्म बहुत मार्मिक है … <br /><b> हरकीरत हीर जी</b> जैसी नज़्मगो अगर रचनाओं को भेजने के लिए कुछ कहे तो फ़ख़्र की बात है … हमें तो उन्होंने कभी कहा ही नहीं … काश ! हम भी कुछ ढंग का कहना-लिखना सीख पाते …:) <br /><br /><br /><b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.com/" rel="nofollow">♥ प्रेम बिना निस्सार है यह सारा संसार !♥ </a></b> <br /><b> बसंत ॠतु की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !</b> <br />- राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4338182847571174966.post-73086341803573982372011-02-17T07:45:32.989-08:002011-02-17T07:45:32.989-08:00लाजवाब .....!!
इस तरह की ७,८ आठ क्षणिकाएं अपने पर...लाजवाब .....!!<br /><br />इस तरह की ७,८ आठ क्षणिकाएं अपने परिचय और चित्र के साथ भेजिए न सरस्वती सुमन के लिए ......हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4338182847571174966.post-6267907822818493142011-02-17T06:28:28.590-08:002011-02-17T06:28:28.590-08:00भैया सादर प्रणाम,
वाकई आज भी हम नारी शाश्क्तिकरण ज...भैया सादर प्रणाम,<br />वाकई आज भी हम नारी शाश्क्तिकरण जैसी कितनी ही बड़ी बड़ी बातें क्यों न करें पर हकीकत कुछ और ही नजर आता है और ऐसे तथाकथित प्रतिष्ठित जनों के बयान उसपर नमक मिर्च लगाने का काम करते हैं | <br /> खैर अब हमें कहना सुनना छोड़कर कुछ करना होगा जिससे किसी बेटी का जीवन दुःख में न बीते क्योंकी :-<br /><br />ओस की बूंद सी होती है बेटियां<br />स्पर्श खुरदुरा हो तो रोती हैं बेटियां<br /><br />कोई नहीं यारों एक दुसरे से कम<br />हिरा है बेटा तो मोती हैं बेटियां<br /><br />बेटा तो करता है एक ही कुल को रोशन<br />दो दो कुल की लाज को ढ़ोती हैं बेटियां<br /><br />जीवन भर काँटों की राह पर चलती हैं<br />पर गैरों के लिए फुल ही बोती हैं बेटियां<br /><br />सच में विधि का विधान है बेटियां<br />ईश्वर का दिया वरदान हैं बेटियां... <br /><br />आपके इस बेहद सार्थक पोस्ट के लिए बधाई एवं आभार !!गौरव शर्मा "भारतीय"https://www.blogger.com/profile/08677836318252485179noreply@blogger.com